यह आपको पता है कि आप कितनी मेहनत कर सकते हैं ? आप क्या करना चाहते हैं ? इसके लिए आपको किसी से प्रतिस्पर्धा करने की जरूरत नहीं है । अधिकतर बच्चों में, बड़ों में, पढ़ाई में, बिजनेस में प्रतिस्पर्धा की बात की जाती है । हम यह क्यों भूल जाते हैं कि हर एक में अपनी क्षमता और अपना हुनर होता है जिसे वह मेहनत कर तराश सकता है और उसी मेहनत के अनुसार अपने उद्देश्य ,अपने गोल को प्राप्त कर सकते हैं । आप का तरीका दूसरों से अलग हो सकता है । आपका लक्ष्य भी दूसरों से अलग हो सकता है लेकिन आप अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करें, यह आपके ही हाथ में है और इसमें केवल एक ही व्यक्ति आपको मदद कर सकता है , वह है आप स्वयं । जी हां, केवल आप । यदि आपके पास स्कूटर है और आप कार के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं तो कैसे संभव है । हरेक की अपनी खुद की क्षमता होती है । अपनी क्षमता को पहचान कर उसी अनुसार अपने लक्ष्य को हासिल करें । आप डॉक्टर हैं, इंजीनियर हैं, टीचर है या आप एक स्टूडेंट ही क्यों ना हो , आप अपना बेस्ट देने पर फोकस करें । प्रतिस्पर्धा को छोड़ें । कई बार अधिक क्षमता होने के बावजूद भी लोग इतना प्रयास नहीं करते जितना कर सकते हैं । हो सकता है कि आपकी प्रायरिटीज अलग-अलग हैं , जैसे समय निश्चित करके 10:00 से 5:00 का काम किया , उसके बाद परिवार के साथ ज्यादा वक्त बिताना चाहते हैं, भले ही मुनाफा कम हो, इसमें किसी के साथ आपका कोई कंपटीशन नहीं है । सब सोचते हैं कि मुझे सब कुछ मिल गया लेकिन अंदर कुछ न कुछ खाली रहता है । क्या है खालीपन ? वह है असुरक्षा की भावना । यह खालीपन जिंदगी में अधिकतर लोगों को मिल रहा है कारण अगर आप सफल हो भी गए और वहां केवल अकेले हैं तो फिर कौन सी खुशी ? अपने अंदर जिंदगी में ऐसा खालीपन ना लिखे ।
याद रखें, आप जिन चीजों से खुश होते हैं, अपने परिवार के साथ रहते हैं , ज्यादा अच्छी तरह से सुकून मिलता है।
अगर आगे जाना भी है तो सबके साथ जाए यह जीवन यात्रा है जीवन में टेंशन नहीं, डर नहीं, खालीपन नहीं, अकेलापन नहीं बल्कि उत्साह, खुशी, लोगों का साथ, यह चाहिए इसलिए जो भी काम करें उसमें सीखते सीखते अच्छे विचारों के साथ पॉजिटिव विचारों के साथ अपने खुद के हुनर को निखारते हुए काम में रुचि के साथ आगे बढ़े । सबके साथ मिलकर बढ़ने में जो मजा है वह किसी में नहीं।
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