लोग दूसरों की खुशी को देखकर दुखी होते हैं यही दुख का सबसे बड़ा कारण है । सुख पाना है तो दूसरों की खुशी में खुश होना सीखें । सुखी हो जाओगे । खुश होना है तो संतुष्टि जरूरी है । हमारी इच्छाएं ही दुख का सबसे बड़ा कारण होती है । हर वह चीज जिसे पाने की इच्छा करते हो जब वह नहीं मिलती तो दुखी हो जाते हो । इसलिए सबसे पहले संतुष्ट होना सीखो , जो है उसमें संतुष्ट हो जाओ तो सुख अपने आप आ जाएगा । मुफ्त मुफ्त मुफ्त... जी हां ! खुशी तो आपके पास मुफ्त में पड़ी है । फिर भी बांटने में कंजूसी ? जी हां ,जनाब । अगर आप किसी को मुस्कुरा कर देख लो तो उसके होठो पर भी मुस्कुराहट आ जाती है अगर आप हंस कर खुशिमजाजी से किसी का स्वागत करो तो सामने वाला भी खुशी खुशी आपके स्वागत का सम्मान करेगा, बस इतनी सी तो बात है फिर भी खुशी बांटने में कंजूसी क्यों ? दिल खोलकर बाटिए खुशी , फिर देखिए कई गुना होकर खुशी आपके दामन में आ जाएगी। फेफड़ों की मजबूती कितनी जरूरी है ? यह तो कोरोना ने समझा ही दिया है। तो देर किस बात की माय डियर फ्रेंड , दिल से फेफड़ों के लिए हंसना सीख लो । अपने मन के अनजाने भय को दूर करो । ईश्व
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